अनुजीविन्

सहाय, सेवक, अनुचर, अनुग

अनुजीवी सहायः स्यात्सेवकोऽनुचरोऽनुगः ॥ ४२८ ॥
verse 2.1.1.428
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कान्त

कमितृ, पति, वरयितृ, भर्तृ, भोक्तृ, धव, रुच्य, अभीक, वर, अभिक, रमण, प्राणाधिनाथ, अनुग

कान्तः स्यात्कमिता पतिर्वरयिता भर्ता च भोक्ता धवो,
रुच्याभीकवराभिकाश्च रमणः प्राणाधिनाथोऽनुगः ।
verse 2.1.1.497
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