अविनीता

अभिसारिका

पांशुला बन्धुकी स्वैरिण्यसती पुंश्चलीत्वरी ।
धर्षिणी कुलटा प्रोक्ता त्वविनीताभिसारिका ॥ ४९६ ॥
verse 2.1.1.496
page 0057