अच्छोटन

मृगया, मृगव्य, पापर्द्धि, आखेटक

अच्छोटनं स्यान्मृगया मृगव्यं,
पापर्द्धिराखेटक इत्यभिन्नम् ॥ ४३५ ॥
verse 2.1.1.435
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