कर्तरी
पुङ्ख
पत्त्रपाली भवेद्वाजः कर्तरी पुङ्ख उच्यते ।
verse 2.1.1.468
page 0054
कृपाणी
ईली, कर्तरी
सूना स्याद् घातनस्थानं कृपाणीली च कर्तरी ॥ ५९५ ॥
verse 2.1.1.595
page 0067
पत्त्रपाली भवेद्वाजः कर्तरी पुङ्ख उच्यते ।
verse 2.1.1.468
page 0054
सूना स्याद् घातनस्थानं कृपाणीली च कर्तरी ॥ ५९५ ॥
verse 2.1.1.595
page 0067