पिचण्ड

जठर, उदर, तुन्द, कुक्षि, गर्भ

ऊरुः सक्थि पिचण्डं जठरोदरतुन्दकुक्षिगर्भाः स्युः ॥ ५१५ ॥
verse 2.1.1.515
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