गेहेनर्दिन्
गेहेनर्दिन्
गेहेशूर, पिण्डीशूर
गेहेनर्दी गेहेशूरः पिण्डीशरश्च कथ्यते ॥ ३६७ ॥
verse 2.1.1.367
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