कोरक

जालक, कलिका, कुड्मल, मुकुल

कोरकजालककलिकाकुड्मलमुकुलानि तुल्यानि ॥ १८६ ॥
verse 2.1.1.186
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वातायन

गवाक्ष, जालक, जाल

वातायनो गवाक्षश्च जालकं जालमुच्यते ।
verse 2.1.1.304
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