स्फुलिङ्ग

कणा, जिह्वा, अर्चिस्

ऊष्मा वाष्पः स्फुलिङ्गश्च कणा जिह्वास्तथार्चिषः ।
verse 1.1.1.67
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रसज्ञा

रसना, जिह्वा

रसज्ञा रसना जिह्वा तालु काकुदमुच्यते ॥ ५२१ ॥
verse 2.1.1.521
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