परिधानांशुकग्रन्थि

नीवी, उच्चय

परिधानांशुकग्रन्थिः प्रोक्ता नीवी तथोच्चयः ॥ ५४७ ॥
verse 2.1.1.547
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नीवी

परिपण

नीवी परिपणेऽप्युक्ता कटिदेशेऽपि मेखला ।
verse 5.1.1.824
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