काम
प्रकाम, पर्याप्त, नितान्त, भृश
कामं प्रकामं पर्याप्तं नितान्तं भृशमुच्यते ॥ ७१८ ॥
verse 4.1.1.718
page 0083
बाढम्
अवश्य, भृश
अवश्यभृशयोर्वाढं दायादस्तुक्सपिण्डयोः ।
verse 5.1.1.836
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कामं प्रकामं पर्याप्तं नितान्तं भृशमुच्यते ॥ ७१८ ॥
verse 4.1.1.718
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अवश्यभृशयोर्वाढं दायादस्तुक्सपिण्डयोः ।
verse 5.1.1.836
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