रसज्ञा

रसना, जिह्वा

रसज्ञा रसना जिह्वा तालु काकुदमुच्यते ॥ ५२१ ॥
verse 2.1.1.521
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कलाप

सप्तकी, काञ्ची, मेखला, रसना, कटिसूत्र, सारसन

कलापः सप्तकी काञ्ची मेखला रसना तथा ।
कटिसूत्रं सारसनं किङ्किणी क्षुद्रघण्टिका ॥ ५६० ॥
verse 2.1.1.560
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